$type=carousel$sn=0$cols=4$va=0$count=12

मुक्तक क्या है? मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम? | Dainik Sahitya

साहित्य ज्ञान,मुक्तक क्या है?, मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम?Muktak Kya Hai? Muktak kaise Likhte hai

मुक्तक क्या है? मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम?

मुक्तक:

मुक्तक एक ऐसी काव्य विधा है जो आजकल सर्वाधिक लोकप्रिय है, कवि सम्मलेन का मंच हो या कविगोष्ठी या फिर फेसबुक का विस्तृत संसार, मुक्तक का वर्चस्व सर्वत्र देखा जा सकता है। थोड़े में अपनी काव्य प्रतिभा का परिचय देना हो, किसी लम्बे काव्य पाठ की भूमिका बनानी हो या श्रोताओं के बँधे हुए हाथ तालियों के लिए खोलने हों तो सबसे अचूक विधा है- मुक्तक । यहाँ तक कि प्रबन्ध- काव्यों में भी मुक्तकों का प्रयोग प्रभावशाली रूप में होता है। आइए देखते हैं ऐसी चमत्कारी काव्य विधा मुक्तक का मर्म क्या है।

मुक्तक क्या है

मुक्तक एक सामान लय वाली चार पंक्तियों की रचना है जिसकी पहली, दूसरी और चौथी पंक्ति तुकान्त तथा तीसरी पंक्ति अनिवार्यतः अतुकान्त होती है और जिसकी अभिव्यक्ति का केंद्र अंतिम पंक्ति में होता है। मुक्तक हिंदी काव्य की एक ऐसी विधा है जो अपनी लचीलेपन और भावनाओं की गहराई के लिए जानी जाती है। यह एक छोटी सी कविता होती है जिसमें किसी एक भाव, विचार या अनुभव को व्यक्त किया जाता है। मुक्तक में छंद की कोई बाध्यता नहीं होती, इसलिए कवि अपनी रचनात्मकता के अनुसार इसे किसी भी रूप में लिख सकता है।

मुक्तक की विशेषताएं

  • छंद की स्वतंत्रता: मुक्तक में किसी खास छंद का पालन करने की जरूरत नहीं होती। कवि अपनी पसंद के अनुसार छंद का प्रयोग कर सकता है या बिना छंद के भी लिख सकता है।
  • भावों की गहराई: मुक्तक में भावों को गहराई से व्यक्त किया जाता है। यह एक पल के भाव को भी बहुत खूबसूरती से शब्दों में पिरो सकता है।
  • संक्षिप्तता: मुक्तक आकार में छोटा होता है, लेकिन इसके बावजूद यह अपने विचार को प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है।
  • विषय की विविधता: मुक्तक किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। प्रेम, प्रकृति, जीवन, मृत्यु, धर्म आदि किसी भी विषय को मुक्तक का विषय बनाया जा सकता है।

मुक्तक के लक्षण

1. इसमें चार पंक्तियाँ होती हैं जिनकी लय एक समान होती है। यह लय किसी भी मापनीयुक्त या मापनीमुक्त छन्द पर आधारित हो सकती है, जिसे मुक्तक का आधार छन्द कहते हैं।

2. पहली, दूसरी और चौथी पंक्तियाँ तुकान्त होती हैं जबकि तीसरी पंक्ति अनिवार्यतः अतुकान्त होती है।

3. अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार होती है कि उसका केंद्र बिन्दु अंतिम पंक्ति में रहता है और अंतिम पंक्ति में ही कथ्य का रहस्यात्मक विस्फोट होता है।

4. यदि मुक्तक की शाब्दिक बुनावट को देखा जाये तो गीतिका (या ग़ज़ल) का मुखड़ा और एक युग्म मिलाने से मुक्तक बन जाता है। किन्तु यह पूरा सच नहीं है क्योंकि गीतिका के मुखड़े और युग्म का विषय स्वतंत्र या निरपेक्ष होता है जबकि मुक्तक की चारों पंक्तियाँ एक ही विषय को प्रतिपादित करती हैं।

5. मुक्तक की कहन कुछ-कुछ गीतिका (या ग़ज़ल) के युग्म जैसी होती है, इसे वक्रोक्ति, व्यंग्य या अंदाज-ए-बयाँ के रूप में देख सकते हैं लेकिन गीतिका में जो बात दो पंक्तियों में पूरी होती है वही बात मुक्तक में चार पंक्तियों में पूरी होती है। वस्तुतः मुक्तक की पहली तीन पंक्तियों में लक्ष्य पर 'संधान' किया जाता है और अंतिम पंक्ति में प्रहार किया जाता है, यह प्रहार एक विस्फोट की भांति चमत्कारी होता है। जैसे विस्फोट की ध्वनि के प्रभाव से व्यक्ति के मुख से कुछ अचानक प्रस्फुटित हो जाता है वैसे ही चौथी पंक्ति के प्रभाव से श्रोता के मुख से अनायास ही 'वाह' निकल जाता है।

6. मुक्तक वस्तुतः प्रकारान्तर से छन्द ही होता है। यदि चार चरणों वाले सम मात्रिक या सम वर्णिक छन्द के पहले, दूसरे और चौथे चरणों को तुकान्त तथा तीसरे चरण को अतुकान्त कर दिया जाये तो वह मुक्तक हो जाता है। इस प्रकार मुक्तक और छन्द में अंतर केवल तुकान्त-विधान का होता है।

मुक्तक का उदाहरण :

रोजियाँ चाहिए कुछ घरों के लिए, 
रोटियाँ चाहिए कुछ करों के लिए। 
काम हैं और भी जिंदगी में बहुत 
मत बहाओ रुधिर पत्थरों के लिए।

मुक्तक के दूसरे अर्थ: 

'मुक्तक' शब्द आज के साहित्यिक परिवेश में उसी अर्थ में प्रयोग होता है जिसकी चर्चा ऊपर की गयी है किन्तु कदाचित इसका प्रयोग निम्न रूपों में भी होता है

(1) पारंपरिक काव्य शास्त्र में काव्य को दो वर्गों में विभाजित किया गया है - प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य । प्रबंध काव्य के अतर्गत दो वर्ग आते हैं- महा काव्य और खंड काव्य । इन दोनों के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के काव्य 'मुक्तक काव्य' के अंतर्गत आते हैं।

(2) भारतीय सनातनी छन्दों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है - मात्रिक और वर्णिक । इनमे से वर्णिक छन्द भी दो प्रकार के हैं- एक 'मापनीयुक्त' जिनके प्रत्येक चरण में सभी वर्गों का मात्राभार सुनिश्चित होता है और दूसरे 'मापनीमुक्त' अथवा 'वर्णिक मुक्तक' जिनके प्रत्येक चरण में वर्णों की संख्या तो सुनिश्चित होती है किन्तु वर्णों का मात्राभार अनिश्चित या स्वैच्छिक होता है।

मुक्तक कैसे लिखें?

मुक्तक लिखने के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप एक अच्छा मुक्तक लिख सकते हैं:

  1. विषय का चयन: सबसे पहले आपको अपने मुक्तक का विषय चुनना होगा। ऐसा विषय चुनें जिसके बारे में आप गहराई से सोचते हों और जिसके बारे में आप अपनी भावनाओं को व्यक्त करना चाहते हों।
  2. भावों को शब्दों में पिरोना: एक बार विषय चुनने के बाद, आप अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोना शुरू कर सकते हैं। अपनी भावनाओं को जितना संभव हो सके स्पष्ट और सटीक शब्दों में व्यक्त करने का प्रयास करें।
  3. छंद और अलंकारों का प्रयोग: यदि आप चाहें तो मुक्तक में छंद और अलंकारों का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपका मुक्तक और भी सुंदर और प्रभावशाली बन सकता है।
  4. संशोधन: मुक्तक लिखने के बाद उसे कई बार पढ़कर देखें और इसमें सुधार करें। देखें कि कहीं कोई शब्द या वाक्य अनावश्यक तो नहीं है।

मुक्तक के नियम (कुछ सुझाव)

  • संक्षिप्तता: मुक्तक को बहुत लंबा नहीं होना चाहिए। कुछ पंक्तियों में ही आप अपनी बात कह सकते हैं।
  • स्पष्टता: मुक्तक में आपके विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त होने चाहिए। पाठक को आपके विचार समझने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
  • भावुकता: मुक्तक में भावुकता होनी चाहिए। आपके शब्दों में भावनाओं की झलक दिखनी चाहिए।
  • नवीनता: मुक्तक में कुछ नयापन होना चाहिए। आप अपनी रचनात्मकता का उपयोग करके कुछ नया और अनोखा लिख सकते हैं।

मुक्तक लिखना एक कला है और इसे सीखने में समय लगता है। लगातार अभ्यास करते रहने से आप एक अच्छे मुक्तक लेखक बन सकते हैं।


COMMENTS

$type=list$au=0$va=0$count=4

$type=grid$count=5$meta=0$snip=0$rm=0

नाम

अज्ञेय,14,अनाथ लड़की,1,अनुपमा का प्रेम,1,अनुभव,1,अनुराधा,1,अनुरोध,1,अपना गान,1,अपनी करनी,1,अभागी का स्वर्ग,1,अमृत,1,अमृता प्रीतम,8,अलग्योझा,1,अविनाश ब्यौहार,4,अशआर,1,अश्वघोष,6,आख़िरी तोहफ़ा,1,आखिरी मंजिल,1,आत्म-संगीत,1,आर्यन मिश्र,2,इज्ज़त का ख़ून,1,उद्धार,1,उपन्यास,48,कफ़न,1,कबीरदास,2,कबीरदास जी के दोहे,3,कर्मों का फल,1,कवच,1,कविता,60,कविता कैसे लिखते है,1,कविता लिखने के नियम,1,कहानी,130,क़ातिल,1,कुंडलिया छंद,6,क्योंकर मुझे भुलाओगे,1,क्रान्ति-पथे,1,ग़ज़ल,104,ग़ज़ल की 32 बहर,3,गजलें,1,ग़रीब की हाय,1,गिरधर कविराय,5,गिरधर की कुंडलिया,4,गिरधर की कुंडलिया छंद,1,गीत,9,गीतिका,1,गुस्ताख हिन्दुस्तानी,6,गोपालदास "नीरज",14,गोपासदास "नीरज",1,गोस्वामी तुलसीदास,1,गोस्वामी तुलसीदास जी,1,गोस्वामी तुलसीदास जी के दोहे,2,घमण्ड का पुतला,1,घर जमाई,1,घासवाली,1,चंदबरदाई,3,छंद,25,छंद के नियम,1,छंद क्या है,1,जयशंकर प्रसाद,4,जानभी चौधुरी,2,जीतेन्द्र मीना 'गुरदह',2,जॉन एलिया,16,जौन एलिया,1,ज्वालामुखी,1,ठाकुर का कुआँ,1,डॉ. शिवम् तिवारी,1,डॉ.सिराज,1,तुम और मैं,1,तुलसीदास जी के दोहे,1,तोमर छंद,1,तोमर छंद के नियम,1,तोमर छंद कैसे लिखते है,1,त्रिया-चरित्र,1,दण्ड,1,दिल की रानी,1,दिलीप वर्मा'मीर',1,दीपावली का एक दीप,1,दुर्गा का मन्दिर,1,दुष्यंत कुमार,12,दूसरी शादी,1,देवधर की स्मृतियाँ,1,देवी- एक लघु कथा,1,दैनिक साहित्य,4,दो बैलों की कथा,1,दो सखियाँ,1,दोहा,12,दोहा छंद,6,दोहा छन्द,1,दोहा छन्द की परिभाषा,1,दोहा छन्द की पहचान?,1,नज़्म,7,नमक का दारोगा,1,नवगीत,1,नहीं तेरे चरणों में,1,नाग-पूजा,1,निदा फ़ाज़ली,26,निधि छंद के नियम,1,निधि छंद कैसे लिखते है,1,निमन्त्रण,1,निर्मला,21,निर्वासन,1,नैराश्य लीला,1,पंच परमेश्वर,1,पराजय-गान,1,परिणीता,1,पर्वत यात्रा,1,पहले भी मैं इसी राह से जा कर फिर,1,पुस्तक लोकार्पण,2,पूस की रात,1,प्रतापचन्द और कमलाचरण,1,प्रतीक मिश्रा "निरन्तर",1,प्रस्थान,1,प्रातः कुमुदिनी,1,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,15,बड़े घर की बेटी,1,बत्ती और शिखा,1,बन्द दरवाजा,1,बलिदान,1,बशीर बद्र,1,बहर क्या है?,1,बालकों का चोर,1,बाल्य-स्मृति,1,बूढ़ी काकी,1,भग्नदूत,4,मंझली दीदी,1,मंत्र,1,मनोरम छंद,1,मनोरम छंद कैसे लिखते है?मनोरम छंद क्वे नियम,1,मनोरमगा छंद के नियम,1,मनोरमगा छंद कैसे लिखते है?,1,मन्दिर,1,महातीर्थ,1,महादेवी वर्मा,5,मात्रा गणना कैसे करते है,1,मात्रिक अर्द्धसम छन्द,1,मात्रिक छंद के प्रकार,1,मात्रिक छंद क्या है,1,मिर्ज़ा ग़ालिब,1,मिलाप,1,मिस पद्मा,1,मीनू पंत त्रिपाठी,2,मुंशी प्रेमचंद,126,मुक्तक के नियम?,1,मुक्तक कैसे लिखते है?,1,मुक्तक क्या है?,1,मुहम्मद आसिफ अली,1,मैकू,1,मोटर के छींटे,1,यह मेरी मातृभूमि है,1,रसखान,2,रहस्य,1,राज किशोर मिश्र,1,राजहठ,1,राधिका छंद के नियम,1,राधिका छंद कैसे लिखते है,1,राहत इंदौरी,21,लैला,1,वासना की कडियॉँ,1,विजय,1,विलासी,1,विष्णुपद छंद,1,विष्णुपद छंद कैसे लिखते है?,1,वेदी तेरी पर माँ,1,वैधविक,3,शंखनाद,1,शरतचंद्र चट्टोपाध्याय,32,शराब की दुकान,1,शायरी,2,शास्त्र छंद कैसे लिखते है,1,शास्त्र छंद.शास्त्र छंद के नियम,1,श्रीकान्त,20,श्रृंगार छंद के नियम,1,श्रृंगार छंद कैसे लिखते है?,1,संजय चतुर्वेदी,6,संत कबीरदास,1,संस्मरण,1,सच्चाई का उपहार,1,सती,1,सनातन,1,समर यात्रा,1,सम्भाव्य,1,सरिता कुमारी ‘क़लम’,1,सवैया छंद,2,सारी दुनिया के लिए,1,सार्द्धसरस छंद के नियम,1,सार्द्धसरस छंद कैसे लिखते है?,1,साहित्य अकादमी,4,साहित्य ज्ञान,20,साहित्यिक खबरें,5,सुभद्रा कुमारी चौहान,6,सुलक्षण छंद,1,सुलक्षण छंद के नियम,1,सुलक्षण छंद कैसे लिखते है?,1,सूर्यकांत त्रिपाठी निराला,4,सैलानी बन्दर,1,सोहाग का शव,1,सौत,1,स्वर्ग की देवी,1,हम क्या शीश नवाएँ,1,हम लड़कियां है,1,हरिचरण,1,हस्तीमल "हस्ती",1,हस्तीमल हस्ती के दोहे,1,होली की छुट्टी,1,होशियार सिंह ‘शंबर’,1,होशियार सिंह ‘शंबर’ के दोहे,1,Ghazal Ki Matra Aur Bahar,1,Hindi Me Kavita Kaise Likhe,1,manoram chhand,1,Radhika Chhand Kaise Likhte Hai,1,Vishnupad Chhand Kaise Likhate Hai,1,
ltr
item
दैनिक साहित्य पत्रिका: मुक्तक क्या है? मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम? | Dainik Sahitya
मुक्तक क्या है? मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम? | Dainik Sahitya
साहित्य ज्ञान,मुक्तक क्या है?, मुक्तक कैसे लिखते है? मुक्तक के नियम?Muktak Kya Hai? Muktak kaise Likhte hai
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbCkv0RmwSY3aVmlsnCninIlQ1ZyVPApAPbawiamTExbTheE2otLABaiM_EcEbuC53FBLQInAn3oLlKwPci7-P9OvWzYoEy76o7NOXzqqF5BSBFu_CqD-99CQOnjJdpfpRNpIY6VDo6PdkHlZxJVaY_9OAVH-y7X74B0UnSGxsHc7RFnySmL2oCVjE_OHo/w400-h225/Muktak.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbCkv0RmwSY3aVmlsnCninIlQ1ZyVPApAPbawiamTExbTheE2otLABaiM_EcEbuC53FBLQInAn3oLlKwPci7-P9OvWzYoEy76o7NOXzqqF5BSBFu_CqD-99CQOnjJdpfpRNpIY6VDo6PdkHlZxJVaY_9OAVH-y7X74B0UnSGxsHc7RFnySmL2oCVjE_OHo/s72-w400-c-h225/Muktak.jpg
दैनिक साहित्य पत्रिका
https://www.dainiksahitya.com/2023/05/Muktank%20Kya%20hai.html
https://www.dainiksahitya.com/
https://www.dainiksahitya.com/
https://www.dainiksahitya.com/2023/05/Muktank%20Kya%20hai.html
true
8531027321664546799
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU Category ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content