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ग़ज़ल में बहर गिनना थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन थोड़े से अभ्यास के साथ आप इसमें महारत हासिल कर सकते हैं। बहर गिनने के लिए आपको ग़ज़ल की मात्राओं को समझना होगा।
मात्रा क्या होती है?
मात्रा किसी शब्द के उच्चारण में लगने वाले समय को दर्शाती है। हिंदी में अक्सर लघु (अ, इ, उ) और गुरु (आ, ई, ऊ) मात्राओं का प्रयोग होता है।
ग़ज़ल में मात्रा गणना के नियम
ग़ज़ल में बहर की पहचान के लिए मात्राओं की गणना करना बहुत महत्वपूर्ण है। मात्राएं शब्दों के उच्चारण में लगने वाले समय को दर्शाती हैं।
मात्राएँ दो प्रकार की होती हैं:
- लघु मात्रा: ये वे स्वर होते हैं जिनका उच्चारण कम समय में होता है। जैसे: अ, इ, उ, ऋ, ल, व, र, य आदि।
- गुरु मात्रा: ये वे स्वर होते हैं जिनका उच्चारण लघु मात्रा की तुलना में अधिक समय में होता है। जैसे: आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ आदि।
मात्रा गिनने के कुछ महत्वपूर्ण नियम:
- अनुनासिक: अनुनासिक (ँ) वाले अक्षरों को आमतौर पर लघु मात्रा माना जाता है।
- दीर्घ स्वर: दीर्घ स्वरों (आ, ई, ऊ) को गुरु मात्रा माना जाता है।
- संयुक्त व्यंजन: संयुक्त व्यंजन (जैसे क्य, त्र, श्र) को उनके घटक व्यंजनों के अनुसार गिना जाता है।
- विराम चिन्ह: विराम चिन्हों को मात्राओं में नहीं गिना जाता है।
मात्रा गिनने का तरीका:
- शब्दों को तोड़ें: सबसे पहले ग़ज़ल की प्रत्येक पंक्ति के शब्दों को अलग-अलग तोड़ें।
- मात्राएँ गिनें: फिर प्रत्येक शब्द में मात्राओं की संख्या गिनें।
- पैटर्न देखें: अब सभी पंक्तियों में मात्राओं के पैटर्न को देखें। एक अच्छी ग़ज़ल में सभी पंक्तियों का मात्राओं का पैटर्न समान होगा।
- बहर पहचानें: मात्राओं के पैटर्न के आधार पर आप यह पहचान सकते हैं कि ग़ज़ल किस बहर में लिखी गई है।
उदाहरण:
मान लीजिए, ग़ज़ल की एक पंक्ति है: "ये नज़रें कितनी है बेकरार, ये दिल कितना है बेताब"
- शब्दों को तोड़ें: ये/नज़रें/कितनी/है/बेकरार/,/ये/दिल/कितना/है/बेताब
- मात्राएँ गिनें: ये(1)/नज़रें(3)/कितनी(3)/है(1)/बेकरार(4)/,/ये(1)/दिल(2)/कितना(3)/है(1)/बेताब(4)
- पैटर्न देखें: 1-3-3-1-4, 1-2-3-1-4
यहां आप देख सकते हैं कि इस पंक्ति में मात्राओं का पैटर्न 1-3-3-1-4 है। अगर ग़ज़ल की अन्य पंक्तियों में भी यही पैटर्न है, तो इसका मतलब है कि यह ग़ज़ल इसी बहर में लिखी गई है।
महत्वपूर्ण बातें:
- अभ्यास: बहर गिनने में महारत हासिल करने के लिए नियमित अभ्यास करना जरूरी है।
- शिक्षक: अगर आपको कहीं कोई समस्या आ रही है, तो आप किसी अनुभवी शायर या ग़ज़ल शिक्षक से मदद ले सकते हैं।
ध्यान रखें:
बहर गिनना एक कला है और इसमें थोड़ा समय लग सकता है। धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें।
अतिरिक्त सुझाव:
- ग़ज़ल संग्रह: विभिन्न शायरों की ग़ज़लें पढ़कर आप बहरों के विभिन्न पैटर्न समझ सकते हैं।
- कविता कार्यशालाएं: कविता कार्यशालाओं में भाग लेकर आप अन्य कवियों से बातचीत कर सकते हैं और उनके अनुभवों से सीख सकते हैं।
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