छंदमुक्त कविता कैसे लिखें,आधुनिक कविता कैसे लिखें?,Kavita Likhna Seekhe
छंदमुक्त कविता, अपनी स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की विस्तृत संभावनाओं के कारण, आजकल काफी लोकप्रिय हो रही है। इसमें छंद और मात्राओं का बंधन नहीं होता, जिससे कवि अपनी भावनाओं को बिना किसी सीमा के व्यक्त कर सकता है।
छंदमुक्त कविता लिखने के कुछ सुझाव:
- विषय का चयन: सबसे पहले आपको अपनी कविता का विषय चुनना होगा। यह विषय कुछ भी हो सकता है - प्रेम, प्रकृति, जीवन, मृत्यु, समाज, या कोई व्यक्तिगत अनुभव।
- भावनाओं को व्यक्त करें: अपनी कविता में अपनी भावनाओं को प्रामाणिक रूप से व्यक्त करें। खुशी, दुख, क्रोध, प्रेम, या कोई अन्य भावना हो, उसे शब्दों में ढालें।
- शब्दों का जादू: शब्दों का चुनाव आपकी कविता की शक्ति को बढ़ा सकता है। ऐसे शब्दों का प्रयोग करें जो आपकी भावनाओं को सटीक रूप से व्यक्त करें।
- चित्रात्मक भाषा: अपनी कविता में चित्रात्मक भाषा का प्रयोग करें ताकि पाठक आपके शब्दों के माध्यम से दृश्य, ध्वनि, स्पर्श, गंध और स्वाद को महसूस कर सकें।
- लय और ताल: हालांकि छंदमुक्त कविता में छंद और मात्राओं का बंधन नहीं होता, लेकिन फिर भी आप अपनी कविता में एक लय और ताल बना सकते हैं। यह आपके शब्दों को संगीत की तरह बना देगा।
- अभ्यास करें: जितना अधिक आप लिखेंगे, उतनी ही बेहतर आपकी कविता होगी। नियमित रूप से लिखने का प्रयास करें।
- पढ़ें: अन्य कवियों की रचनाओं को पढ़ें। इससे आपको नई-नई शैली और तकनीकों के बारे में पता चलेगा।
- संपादन करें: अपनी कविता को लिखने के बाद उसे ध्यान से पढ़ें और संपादित करें। अनावश्यक शब्दों को हटाएं और अपनी कविता को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए उसे सुधारें।
छंदमुक्त कविता लिखने का एक उदाहरण:
जिंदगी का जिंदगी से वास्ता जिंदा रहे
हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे
वक्त ने माना हमारे बीच रख दीं दूरियां
कोशिशें ये हों दिलों में रास्ता जिंदा रहे
ऐ मिरे दुश्मन तुझी ने दी मुझे जिंदा दिली
मैं अगर जिंदा रहूं, तू भी सदा जिंदा रहे
प्यार से सुलझाइये, हल गुत्थियां हो जाएंगी
जब तलक संसार है ये फलसफा जिंदा रहे
मेरी कविता, मेरे दोहे, गीत मेरे और गजल
मैं रहूं या न रहूं मेरा कहा जिंदा रहे
हम रहें जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे
वक्त ने माना हमारे बीच रख दीं दूरियां
कोशिशें ये हों दिलों में रास्ता जिंदा रहे
ऐ मिरे दुश्मन तुझी ने दी मुझे जिंदा दिली
मैं अगर जिंदा रहूं, तू भी सदा जिंदा रहे
प्यार से सुलझाइये, हल गुत्थियां हो जाएंगी
जब तलक संसार है ये फलसफा जिंदा रहे
मेरी कविता, मेरे दोहे, गीत मेरे और गजल
मैं रहूं या न रहूं मेरा कहा जिंदा रहे
-अशोक अंजुम
याद रखें: छंदमुक्त कविता लिखने का कोई निश्चित नियम नहीं है। आप अपनी रचनात्मकता का उपयोग करके अपनी खुद की शैली विकसित कर सकते हैं।
कुछ अतिरिक्त सुझाव:
- प्रकृति से प्रेरणा लें: प्रकृति हमेशा रचनात्मकता का एक अक्षय स्रोत रही है। प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को अपनी कविता में शामिल करें।
- संगीत सुनें: संगीत आपकी भावनाओं को प्रेरित कर सकता है और आपको नई रचनात्मक ऊर्जा दे सकता है।
- अन्य कला रूपों से प्रेरणा लें: चित्रकला, मूर्तिकला, या फिल्म जैसी अन्य कला रूपों से भी आप प्रेरणा ले सकते हैं।
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